बद्दी: विप्रो ने एक फैक्टरी पर लगाया ताला, हड़ताल को बताया कारण, कामगारों ने जताया विरोध

बद्दी (हिमाचल प्रदेश) — औद्योगिक क्षेत्र झाड़माजरी स्थित विप्रो एंटरप्राइज़ेज की एक यूनिट को कंपनी प्रबंधन द्वारा अचानक बंद कर दिए जाने से शनिवार सुबह हड़कंप मच गया। रोज़ाना की तरह ड्यूटी पर पहुंचे कर्मचारियों को जब फैक्टरी गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने अंदर जाने से रोक दिया, तो वे हैरान रह गए। उन्हें बताया गया कि कंपनी ने फैक्टरी को स्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है, जिसके आदेश ऊपर से आए हैं।
इस अप्रत्याशित फैसले से नाराज़ कामगारों ने फैक्टरी गेट के बाहर नारेबाजी करते हुए जोरदार विरोध दर्ज किया। कर्मचारियों ने श्रम विभाग को लिखित शिकायत भी सौंपी, जिसमें उन्होंने प्रबंधन पर संवादहीनता और मनमानी का आरोप लगाया।
कामगारों ने जताया रोष
विप्रो कर्मचारी संघ की ओर से दी गई शिकायत के अनुसार, 2 दिसंबर 2024 से वे नियमित रूप से ड्यूटी पर आ रहे थे। लेकिन शनिवार सुबह 7 बजे जब वे काम पर पहुंचे, तो गार्ड्स ने उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया। किसी भी अधिकारी द्वारा पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी। यह कदम कर्मचारियों को विश्वास में लिए बिना और बिना किसी समाधान के उठाया गया, जो श्रम कानूनों का उल्लंघन भी है।
संघ ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व में हुई कई बैठकों और वार्ताओं के बावजूद कंपनी प्रबंधन ने कोई ठोस समाधान नहीं निकाला और अब फैक्टरी बंद कर देने से सैकड़ों कामगारों का भविष्य अधर में लटक गया है।
कंपनी ने हड़ताल को बताया कारण
इस घटनाक्रम पर विप्रो एंटरप्राइज़ेज ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि, “हम हमेशा अपने समुदाय और कर्मचारियों के साथ मजबूत संबंध बनाने की कोशिश करते हैं और कारोबार को ईमानदारी, ज़िम्मेदारी और पारदर्शिता से संचालित करते हैं। लेकिन दिसंबर 2024 से जारी हड़ताल और बार-बार के व्यवधानों के चलते कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।”
बयान में आगे कहा गया है कि इन परिस्थितियों को देखते हुए बद्दी स्थित एक यूनिट को बंद करने का कठिन लेकिन आवश्यक निर्णय लिया गया है। हालांकि, बद्दी में स्थित दूसरी यूनिट पूर्ववत चालू है और कंपनी के व्यवसाय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनी हुई है।
कर्मचारियों को मिलेगा उचित सहयोग
कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि फैक्टरी बंद करने का निर्णय पूरी योजना, आंतरिक मूल्यांकन और कानूनी सलाह के आधार पर लिया गया है। कंपनी सभी कर्मचारियों और हितधारकों को उचित मुआवजा और सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी कानूनी प्रावधानों का पूर्ण पालन किया जाएगा।
निष्कर्ष
बद्दी जैसे औद्योगिक क्षेत्र में एक बड़ी कंपनी की फैक्टरी का इस प्रकार से बंद होना सैकड़ों परिवारों के लिए गहरी चिंता का विषय है। जहां एक ओर कामगारों का आक्रोश स्वाभाविक है, वहीं दूसरी ओर कंपनी की आर्थिक विवशताएं भी सामने आई हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन और श्रम विभाग इस विवाद को कैसे सुलझाते हैं और कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाते हैं।