बद्दी में शौचालयों की बदहाली से जनता परेशान, दशहरा मैदान और साई रोड के टॉयलेट वर्षों से बंद, श्रीराम सेना ने जताया रोष

बद्दी, हिमाचल प्रदेश
बद्दी शहर को नगर परिषद से नगर निगम का दर्जा मिले भले ही समय बीत चुका हो, लेकिन ज़मीनी हालात अब भी ज्यों के त्यों हैं। करोड़ों रुपए का टैक्स देने वाले बद्दी शहर के नागरिक आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। विशेषकर सार्वजनिक शौचालयों की बदहाली लोगों को दिन-प्रतिदिन परेशान कर रही है। दशहरा मैदान, मुख्य बाजार और साई रोड जैसे प्रमुख स्थानों पर बने शौचालय वर्षों से बंद पड़े हैं, जिससे आमजन खासकर महिलाएं और बुजुर्गों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
शौचालय बदहाल, नगर निगम नाकाम
नगर निगम बनने के बाद उम्मीद थी कि शहर की व्यवस्थाएं सुधरेंगी, लेकिन हालात इसके विपरीत हैं। सार्वजनिक शौचालय या तो निष्क्रिय हैं या फिर गंदगी और दुर्गंध से भरे पड़े हैं। दशहरा मैदान में बने दोनों शौचालय उपयोग के लायक नहीं हैं। वहीं, साई रोड पर बना शौचालय करीब पांच साल पहले बनकर तैयार हुआ था, लेकिन आज तक चालू नहीं हो सका है।
श्रीराम सेना ने उठाई आवाज
स्थानीय सामाजिक संगठन श्रीराम सेना ने नगर निगम प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। संगठन के प्रांत संयोजक राजेश जिंदल और कार्यकारी सचिव डा. संदीप कुमार सचदेवा ने कहा कि जब नगर निगम सार्वजनिक शौचालयों का रखरखाव नहीं कर पा रहा, तो शहर के संपूर्ण विकास की उम्मीद करना व्यर्थ है। उन्होंने सवाल उठाया कि स्वच्छ भारत अभियान की रैलियां और घोषणाएं क्या केवल दिखावा हैं? जब ज़मीनी स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, तो अभियान का उद्देश्य ही व्यर्थ हो जाता है।
15 दिन में नहीं खुले शौचालय तो आंदोलन
राजेश जिंदल ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि मुख्य बाजार का शौचालय 15 दिनों के भीतर चालू नहीं किया गया, तो श्रीराम सेना सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि व्यापारी, दुकानदार और आम नागरिक नगर निगम को टैक्स देते हैं, लेकिन सुविधाओं के नाम पर उन्हें कुछ नहीं मिलता। यह प्रशासनिक असफलता का जीता-जागता उदाहरण है।
बीबीएनडीए ने दिया आश्वासन
बीबीएनडीए के अधिशासी अभियंता (XEN) सुमित आजाद ने बताया कि साई रोड स्थित शौचालय कई वर्ष पहले बना था, लेकिन समय के साथ उसके अधिकतर फिक्सचर या तो टूट चुके हैं या चोरी हो चुके हैं। अब इस शौचालय के पुनर्निर्माण और मरम्मत के लिए सात लाख से अधिक का एस्टीमेट तैयार किया गया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि एक माह के भीतर शौचालय को चालू कर दिया जाएगा।
सुमित आजाद ने बताया कि इसके संचालन के लिए सुलभ इंटरनेशनल जैसी संस्था को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। साथ ही 24 घंटे संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक छोटा कार्यालय भी बनाने की योजना है। फिलहाल शौचालय का सीवरेज कनेक्शन जोड़ने का कार्य प्रगति पर है, जिसे जल्द ही पूरा किया जाएगा।
निष्कर्ष
नगर निगम का गठन विकास के लिए किया जाता है, लेकिन बद्दी में यह केवल नाम का प्रतीक बनकर रह गया है। शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा का अभाव प्रशासन की नाकामी को उजागर करता है। यदि तय समय में हालात नहीं सुधरे, तो श्रीराम सेना के आंदोलन से यह मामला और अधिक तूल पकड़ सकता है। जनता को अब केवल आश्वासनों से नहीं, ठोस कार्यवाही की ज़रूरत है।