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 पंडोह डैम में जलस्तर बढ़ा, पांच गेटों से 42,000 क्यूसेक पानी छोड़ा, नदी-नालों से दूर रहने की सलाह

सोमवार सुबह पंडोह डैम में ब्यास नदी की ओर से 42,000 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया, जिसके बाद बीबीएमबी प्रशासन ने एहतियातन कदम उठाते हुए डैम के पांच गेट खोलकर लगभग 42,000 क्यूसेक पानी ब्यास नदी में छोड़ा है।

भारी बारिश के कारण ब्यास नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। सोमवार सुबह पंडोह डैम में ब्यास नदी की ओर से 42,000 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया, जिसके बाद बीबीएमबी प्रशासन ने एहतियातन कदम उठाते हुए डैम के पांच गेट खोलकर लगभग 42,000 क्यूसेक पानी ब्यास नदी में छोड़ा है। डैम का जलस्तर लगभग 2920 फीट रिकॉर्ड किया गया, जो अभी खतरे के निशान 2941 फीट से काफी नीचे है। बीबीएमबी पंडोह के अधिशाषी अभियंता चंद्रमणि शर्मा ने बताया कि फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और घबराने जैसी कोई बात नहीं है। जलस्तर की लगातार निगरानी की जा रही है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए टीमें अलर्ट पर हैं।

बग्गी सुरंग से इस समय लगभग 2000 क्यूसेक पानी विद्युत उत्पादन के लिए डैहर पावर हाउस भेजा जा रहा है। सुरंग में सिल्ट की पीपीएम मात्रा अधिक पाई गई है। जैसे ही सिल्ट का स्तर और ज्यादा होता है, सुरंग को तत्काल बंद कर दिया जाता है। लेकिन अभी तक ऐसा कोई खतरा नहीं है। बीबीएमबी और जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों के किनारे न जाएं, किसी भी तरह की अफवाहों पर विश्वास न करें और केवल प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों पर ही ध्यान दें। मौसम और जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। फिलहाल स्थिति सामान्य है, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से सतर्कता ही सबसे बड़ा उपाय है। नदी किनारे जाने से बचें और प्रशासन के संपर्क में रहें। 

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