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बादल फटने की घटना के बाद पंडोह डैम में एकत्रित हुईं लकड़ियों की जांच करेगी सीआईडी

मंडी जिले के पंडोह डैम में जमा हुई लकड़ियों की सीआईडी जांच होगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने निर्देश जारी कर दिए हैं। 

हाल ही में बादल फटने की घटना के बाद पंडोह डैम में जमा हुई लकड़ी से संबंधित मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने यह मामला आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दिया है। पिछले सप्ताह बादल फटने की घटना और आसपास के क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश के कारण पहाड़ियों से भारी मात्रा में लकड़ियां बहकर पंडोह डैम में एकत्रित हो गई थीं।  प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इतनी बड़ी मात्रा में लकड़ियां इकठ्ठा होने के संभावित कारणों को सामने लाया जाएगा। इस दिशा में सरकार ने अब इस मामले की सीआईडी जांच का फैसला लिया है ताकि सभी जिम्मेदार लोगों को न्याय के दायरे में लाया जा सके। उन्होंने बताया कि बादल फटने और बाढ़ की घटनाओं के दृष्टिगत प्रदेश सरकार की पहली प्रतिक्रिया अमूल्य जीवन बचाना और प्रभावितों को तत्काल बचाव और राहत उपलब्ध करवाना होता है। सरकार द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि नदी में बह रही लकड़ियां और पंडोह बांध में तैरती हुई लकड़ियों का वीडियो और तस्वीरें ऑनलाइन वायरल हुई हैं। इस विषय में लोगों की चिंता को देखते हुए निरंतर जांच की मांग की जा रही थी। इसके दृष्टिगत सीआईडी जांच का निर्णय लिया गया है। आपदा पीड़ित लोगों की सहायता में पूरा सरकारी तंत्र दिन-रात कार्य कर रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि संवेदनशील स्थिति में भी भाजपा ने असंवेदनशीलता का परिचय देते हुए इस मामले को उठाया। संकट के समय भाजपा नेता गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं, जो उनके दोहरे चेहरे को लोगों के सामने रख रहा है। पिछली भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान पेड़ों की अवैध कटाई के मुददे की कभी निष्पक्ष जांच नहीं करवाई और इस दौरान वनों के अवैध कटान के मामले में दोषियों की जवाबदेही को तय नहीं किया गया।

उनके कार्यकाल के दौरान प्रदेश में वन माफिया फल-फूल रहा था। प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान प्रदेश सरकार हिमाचल को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है और इस लक्ष्य को हासिल करने में बाधा डालने वाले लोगों को कानून के दायरे में लाकर सजा दी जाएगी। वहीं सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 9वीं बैठक की अध्यक्षता की।  बैठक में विभिन्न एजेंडों पर चर्चा की गई। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, ओएसडी गोपाल शर्मा, मुख्य सचिव सहित अन्य उच्च अधिकारी मौजूद रहे।


पब्लिक पॉलिसी एक्सपर्ट डॉ. आरुषि जैन ने रविवार शाम शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से भेंट की। आरुषि जैन हिमाचल प्रदेश से संबंध रखती हैं। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व डिजिटल गवर्नेंस क्षेत्र में अपने गहन अनुभव को मुख्यमंत्री के साथ साझा करते हुए अपनी अभिनव पहल ‘एआई सवेरा’ के बारे में जानकारी दी। यह एक ऐसा मंच है जो आम लोगों तक सरकारी सेवाएं सरल और सुलभ तरीके से पहुंचाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।  डॉ. आरुषि जैन को एडवर्ड एस मैसन फेलो के रूप में चुना गया है और उन्हें जॉन एफ केनेडी स्कालर की विशिष्ट उपाधि भी प्राप्त हुई है। यह सम्मान विश्व स्तर पर बदलाव लाने वाले चुनिंदा व्यक्तियों को ही दिया जाता है।  मुख्यमंत्री ने आरुषि जैन की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश की इस बेटी ने विश्व पटल पर प्रदेश का नाम रोशन किया है। उनकी उपलब्धियां देश व प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

उन्होंने कहा कि इस तकनीकी आधारित पहल से हिमाचल में सेवाओं की बेहतर पहुंच और जनता तक सरकारी सेवाएं पहुंचाने में लाभ मिलेगा।  उन्होंने कहा कि एआई सवेरा में जन भावनाओं का विश्लेषण, वर्चुअल अवतार और नीति निर्माताओं के लिए रियल टाइम एनालिटिक्स डेश बोर्ड जैसी कई आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं। यह मंच सेवा वितरण और जनसहभागिता के लिए एक प्रभावी उपकरण सिद्ध होगा।  डॉ. आरुषि जैन ने हावर्ड युनिवर्सिटी के हावर्ड कैनेडी स्कूल से मिड कॅरियर मास्टर्ज इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री प्राप्त की है। 

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