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 सहकारी सभा समिति दिलवां में 2.90 करोड़ रुपये का गबन, अंब थाना में मामला दर्ज

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के अंब क्षेत्र में सहकारी सभा की निलंबित सचिव और पूर्व उपप्रधान पर प्रबंधन कमेटी के प्रधान ने 2 करोड़ 91 लाख रुपये के गबन का आरोप लगाया है। शिकायत के आधार पर अंब थाना में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार बलबिंद्र कुमार प्रधान प्रबंधक कमेटी सहकारी सभा समिति दिलवां तहसील अंब जिला ऊना ने शिकायत में कहा है कि सहकारी सभा समिति में सहकारी सभा अधिनियम की धारा 69 (1) के अंतर्गत हुई जांच में 2,91,00,371.65 का गबन पाया गया है। इसमें मुख्य भूमिका निलंबित सचिव और तत्कालीन उप प्रधान की है।

इस संबंध में वर्तमान सभा प्रबंधक कमेटी की ओर से आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाने का प्रस्ताव किया गया है। एसडीपीओ अंब डॉ. वसुधा सूद ने बताया कि पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि शिकायत के आधार पर मामला रिम्पी पत्नी सतीश कुमार गांव और डाकघर ईसपुर, उपतहसील ईसपुर और तहसील हरोली जिला ऊना और अर्जुन सिंह उर्फ (जैंडू) पुत्र प्रीतम सिंह गांव दिलवां डाकघर दियाड़ा तहसील अंब जिला ऊना के खिलाफ दर्ज कर लिया गया है। आगामी जांच जारी है।

औहर के उपप्रधान पर भ्रष्टाचार के आरोप, डीसी ने बिठाई जांच
पंचायत औहर के उपप्रधान पर निजी हितों को साधने, करीबी लोगों को अवैध लाभ पहुंचाने और पद का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगे हैं। इस पर उपायुक्त ने जांच बिठा दी है। जिला पंचायत अधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा है। फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति के महासचिव मदन लाल ने उपायुक्त को 14 मई को लिखित शिकायत सौंपी थी। उपायुक्त ने जिला पंचायत अधिकारी को मामले की जांच करने के निर्देश जारी किए हैं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उपप्रधान ने अपनी पंचायत के अंतर्गत पलथीं गांव में मकानों के गिराए जाने का झूठा सत्यापन किया। यही नहीं, उन्होंने अपनी सीमाओं से बाहर जाकर ग्राम पंचायत बकरोआ के अंतर्गत बकरोआ गांव के खसरा नंबर 259/115/17 पर बने मकान के बारे में भी एनएचएआई के कानूनगो को यह झूठा प्रमाणित किया कि वह मकान गिरा दिया गया है, जबकि दोनों ही मकान मौके पर आज भी मौजूद हैं।

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