भरमौर मणिमहेश यात्रा 16 अगस्त से शुरू, 30 अगस्त को निभाई जाएगी पवित्र डल तोड़ने की रस्म

भरमौर (चंबा) — हिमाचल प्रदेश के पवित्र धार्मिक स्थल मणिमहेश यात्रा का इस वर्ष औपचारिक शुभारंभ 16 अगस्त को होगा, जबकि पारंपरिक डल तोड़ने की रस्म 30 अगस्त को संपन्न की जाएगी। इसके बाद 31 अगस्त को शाही बड़ा स्नान आयोजित किया जाएगा। मणिमहेश यात्रा का आयोजन हर वर्ष सावन के महीने में होता है और यह यात्रा भगवान शिव के पवित्र डल झील में स्नान के साथ संपन्न होती है।
यात्रा संबंधी इन महत्वपूर्ण तिथियों की जानकारी संचूई गांव के शिव चेलों द्वारा लिखित रूप में मणिमहेश मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं एडीएम भरमौर कुलवीर सिंह राणा को दी गई है। ट्रस्ट अध्यक्ष राणा ने भी इसकी पुष्टि की है। यात्रा का शुभारंभ 16 अगस्त को जन्माष्टमी के दिन ‘छोटा न्हौण’ के साथ होगा। यह धार्मिक स्नान यात्रा की आधिकारिक शुरुआत मानी जाती है।
मणिमहेश यात्रा के दौरान डल झील को आर-पार करने की परंपरा सदियों से संचूई के शिव चेलों द्वारा निभाई जाती है। इस पवित्र रस्म को ‘डल तोड़ने की रस्म’ कहा जाता है, जो कि यात्रा का प्रमुख और पारंपरिक हिस्सा है। इस रस्म के संपन्न होने के बाद ही अन्य श्रद्धालु झील में स्नान करते हैं, जिसे ‘शाही स्नान’ कहा जाता है। यह परंपरा मणिमहेश यात्रा को विशिष्ट धार्मिक महत्त्व प्रदान करती है।
एडीएम भरमौर कुलवीर सिंह राणा ने बताया कि उन्हें 14 मई को शिव चेलों द्वारा औपचारिक सूचना दे दी गई थी और प्रशासनिक स्तर पर 16 अगस्त से 31 अगस्त तक यात्रा की संपूर्ण रूपरेखा तय कर ली गई है। प्रशासन द्वारा यात्रा की सभी तैयारियों को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए विभिन्न विभागों के साथ बैठकों और समीक्षा दौरों की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
यात्रा मार्ग की तैयारियों का निरीक्षण
मणिमहेश यात्रा की तैयारियों को लेकर हाल ही में डीसी चंबा मुकेश रेप्सवाल, एसपी चंबा अभिषेक यादव, एडीएम भरमौर और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने हड़सर से धनछो तक यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने यात्रा मार्ग को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। खास तौर पर स्वास्थ्य, सुरक्षा, पेयजल, सफाई और आवास की व्यवस्थाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए।
वर्तमान में एडीएम भरमौर खुद यात्रा की तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं और विभिन्न विभागीय बैठकों के माध्यम से आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। प्रशासन की कोशिश है कि इस बार की मणिमहेश यात्रा में श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो और वे सुरक्षित, सुविधाजनक एवं आध्यात्मिक वातावरण में यात्रा पूरी कर सकें।
मणिमहेश यात्रा न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि देशभर से हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है और यह धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्त्वपूर्ण आयोजन माना जाता है।