एआई से सुसज्जित हुआ शिक्षण: दून वैली पब्लिक स्कूल में शिक्षकों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

नालागढ़: दून वैली पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के तत्वावधान में “कक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग” विषय पर एक दिवसीय कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को एआई जैसी उन्नत तकनीकों से अवगत कराना और उन्हें कक्षा-कक्ष में इन तकनीकों के व्यावहारिक उपयोग के लिए सक्षम बनाना था।
इस कार्यशाला का संचालन सीबीएसई द्वारा मान्यता प्राप्त शैक्षिक तकनीक विशेषज्ञ श्री निखिल शर्मा और श्री चरणजीत सिंह ने किया। दोनों विशेषज्ञों ने बेहद सरल भाषा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मूल अवधारणाओं को समझाते हुए बताया कि किस प्रकार AI का उपयोग शिक्षण को अधिक व्यक्तिगत, रोचक और प्रभावशाली बनाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि एआई के जरिए छात्रों की सीखने की क्षमता और गति के अनुसार पाठ योजनाएं तैयार की जा सकती हैं, मूल्यांकन को अधिक सटीक और अनुकूल बनाया जा सकता है तथा छात्रों की कक्षा में भागीदारी को बेहतर किया जा सकता है। प्रायोगिक उदाहरणों और इंटरऐक्टिव गतिविधियों के माध्यम से उन्होंने यह भी दिखाया कि एआई आधारित टूल्स किस तरह से शिक्षण कार्य को सरल और छात्र-केंद्रित बना सकते हैं।
इस कार्यशाला में लगभग 60 शिक्षकों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने कार्यशाला को अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक बताया। शिक्षकों का कहना था कि यह प्रशिक्षण न केवल उनके तकनीकी ज्ञान को बढ़ाने में सहायक रहा, बल्कि उन्हें भविष्य की कक्षाओं के लिए तैयार करने की दिशा में भी अहम कदम सिद्ध हुआ। उन्होंने यह भी माना कि पारंपरिक शिक्षण पद्धतियों में तकनीक का समावेश आवश्यक है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इसकी दिशा में एक क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।
कार्यशाला के समापन पर विद्यालय प्रबंधन ने सभी प्रतिभागी शिक्षकों, दोनों विशेषज्ञों और सीबीएसई का आभार व्यक्त किया। विद्यालय प्रशासन ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं न केवल शिक्षकों को आधुनिक तकनीकी युग के लिए तैयार करती हैं, बल्कि छात्रों के संपूर्ण विकास में भी सहायक होती हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में भी इस तरह के नवाचारपूर्ण प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन नियमित रूप से किया जाएगा।
इस एक दिवसीय कार्यशाला ने स्पष्ट कर दिया कि अब समय आ गया है जब शिक्षा जगत को तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा, और इसके लिए सबसे पहले शिक्षकों को सक्षम बनाना अत्यंत आवश्यक है।