आईटीआर फाइलिंग 2025: देरी से करने पर लगेगा जुर्माना, जानें जरूरी तारीखें और नियम

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अगर आप समय पर आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आपको आर्थिक दंड भुगतना पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि तय समयसीमा के भीतर अपना रिटर्न दाखिल कर दें, ताकि लेट फीस, ब्याज और अन्य जटिलताओं से बचा जा सके।
🗓️ आईटीआर फाइलिंग की जरूरी तारीखें
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने अलग-अलग करदाताओं की श्रेणियों के अनुसार आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथियों की घोषणा कर दी है।
- व्यक्तिगत करदाता, HUFs, AOPs, और BOIs (जिन्हें ऑडिट की आवश्यकता नहीं है) के लिए 31 जुलाई 2025 अंतिम तिथि निर्धारित की गई है।
- प्रोफेशनल्स और बिजनेसमैन, जिन्हें ऑडिट की जरूरत है, उनके लिए अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 रखी गई है।
- घरेलू कंपनियों के लिए भी आईटीआर दाखिल करने की डेडलाइन 31 अक्टूबर 2025 है।
- यदि कोई करदाता अपना रिटर्न संशोधित (Revised Return) करना चाहता है, तो उसके लिए 31 दिसंबर 2025 अंतिम तिथि होगी।
💸 देरी से ITR फाइल करने पर लगेगा शुल्क
अगर आप तय समय सीमा के बाद आईटीआर फाइल करते हैं, तो आपको सेक्शन 234F के तहत जुर्माना देना होगा:
- जिन करदाताओं की सालाना आय 5 लाख रुपये से कम है, उन्हें देरी पर ₹1,000 का जुर्माना देना होगा।
- जिनकी सालाना आय 5 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें ₹5,000 तक का जुर्माना लग सकता है।
इसके अलावा, अगर आपने टैक्स देय है और समय पर उसका भुगतान नहीं किया, तो सेक्शन 234A के तहत उस बकाया राशि पर हर महीने 1% ब्याज भी देना होगा।
⚖️ नई टैक्स रिजीम बनाम पुरानी टैक्स रिजीम: कौन-सी बेहतर?
आईटीआर दाखिल करते समय आपके पास दो विकल्प होते हैं—नई टैक्स रिजीम और पुरानी टैक्स रिजीम।
- नई टैक्स रिजीम के तहत कई स्लैब को सरल किया गया है और टैक्स दरें कम रखी गई हैं। इस रिजीम में लगभग ₹12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता, यदि आप कुछ स्टैंडर्ड डिडक्शन्स और छूटों के तहत आते हैं।
- दूसरी ओर, पुरानी टैक्स रिजीम में आप सेक्शन 80C, 80D, HRA, और अन्य छूटों का लाभ उठा सकते हैं। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो निवेश और टैक्स बचत की योजनाएं अपनाते हैं।
आपके लिए कौन-सी रिजीम बेहतर है, यह आपकी आय, निवेश, और टैक्स प्लानिंग पर निर्भर करता है। इसलिए आईटीआर फाइल करने से पहले एक बार दोनों विकल्पों की तुलना जरूर करें।
✔️ निष्कर्ष
आईटीआर फाइलिंग केवल एक कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह आर्थिक पारदर्शिता और भविष्य की योजनाओं के लिए भी अहम है। अगर आप समय पर रिटर्न दाखिल करते हैं तो पेनल्टी, ब्याज और अन्य झंझटों से बच सकते हैं। इसके अलावा, बैंक लोन, वीजा आवेदन और अन्य वित्तीय मामलों में भी आईटीआर एक जरूरी दस्तावेज होता है।
इसलिए देरी न करें और जल्द से जल्द अपना ITR भरें, ताकि आप आर्थिक रूप से सुरक्षित और नियमों के अनुरूप बने रहें।