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77 ईको टूरिज्म साइटों से होगी 200 करोड़ की आय, स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार

CM Sukhu said 77 eco tourism sites will generate 200 crore income, local people will get employment

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 77 ईको टूरिज्म साइटों के विकास से सैलानियों को नए अनुभव मिलेंगे। नई ईको टूरिज्म नीति से सरकार को पांच वर्षों में 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। इन टूरिज्म साइटों को शिमला, कुल्लू, मंडी, बिलासपुर, रामपुर, सोलन, नाहन, हमीरपुर, नालागढ़, धर्मशाला, पालमपुर, चंबा, डलहौजी, नूरपुर और रिकांगपिओ में विकसित किया जा है। इनमें से शिमला में पॉटर हिल, शोघी, कुल्लू में सोलंग नाला और पार्वती घाटी में कसोल के लिए ईको-टूरिज्म ऑपरेटरों का चयन कर लिया गया है। शेष स्थलों का विकास चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। पर्यटक यहां ट्रैकिंग, बर्ड वॉचिंग, फॉरेस्ट कैंपिंग, नेचर वॉक, होम स्टे जैसी पर्यावरण अनुकूल गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे।

2024 में हिमाचल प्रदेश में आए 1.81 करोड़ पर्यटक
जारी बयान में सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश बर्फ से ढकी पहाड़ियों, घने जंगलों, निर्मल नदियाें और समृद्ध जैव विविधता के कारण प्रकृति प्रेमियों के लिए पसंदीदा गंतव्य रहा है। ईको-टूरिज्म का अर्थ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना प्राकृतिक स्थलों की यात्रा करना है। हिमाचल प्रदेश की ईको-टूरिज्म नीति इन्हीं नियमों पर आधारित है, जिससे पर्यटन और प्रकृति दोनों का संरक्षण सुनिश्चित होगा। सीएम ने कहा कि वर्ष 2024 में हिमाचल प्रदेश में 1.81 करोड़ पर्यटक आए, जिनमें 82 हजार विदेशी पर्यटक शामिल रहे। इनमें पिछले वर्ष की तुलना में 13.24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। पर्यटन प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 7.78 प्रतिशत का योगदान देता है।

ट्रैकिंग में पर्यटकों के मार्गदर्शन के लिए मोबाइल एप
सुक्खू ने कहा कि स्थानीय युवाओं को नेचर गाइड और मल्टीपर्पज वर्कर के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। अब तक 70 से अधिक गाइड और 135 मल्टीपर्पज वर्कर्स को हिमाचल प्रदेश ईको-टूरिज्म सोसायटी ने प्रशिक्षित किया है। सरकार ने ईको-टूरिज्म सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध करवाई हैं। 100 से अधिक फॉरेस्ट रेस्ट हाउस और कैंपिंग साइट्स की बुकिंग अब हिमाचल प्रदेश ईको-टूरिज्म सोसाइटी की वेबसाइट के माध्यम से की जा सकती है। 245 से अधिक ट्रैकिंग रूट्स को सूचीबद्ध किया गया है। पर्यटकों के मार्गदर्शन के लिए मोबाइल एप भी तैयार किया जा रहा है। शिमला, पालमपुर, कुल्लू, सिराज और मंडी जैसे वन मंडलों में ईको-टूरिज्म को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है।

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