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हिमाचल प्रदेश में जमीन की निशानदेही पर फिलहाल रोक, इस वजह से प्रदेश सरकार ने लिया फैसला,

हिमाचल प्रदेश में जिन लोगों ने डिमार्केशन के लिए आवेदन किया है उन्हें फिलहाल इंतजार करना पड़ेगा। जमीन की डिमार्केशन पर सरकार ने रोक लगा दी है।

हिमाचल प्रदेश में जमीन की डिमार्केशन (निशानदेही) पर रोक लगा दी है। बारिश के मौसम में जमीन पर झाड़ियां और घास उगने के कारण यह फैसला लिया गया है। सरकार का मानना है कि अगर ऐसी स्थिति में जमीन की निशानदेही की भी जाती है तो वह सटीक नहीं होगी। मौसम साफ होने पर ही इस कार्यों को अमलीजामा पहनाया जा सकेगा। जिन लोगों ने डिमार्केशन के लिए आवेदन किया है। पटवारी और कानूनगो उसकी औपचारिकताएं पूरी करेंगे। मौसम खुलते ही जमीन की निशानदेही की जा सकेगी। प्रदेश में हर महीने तीन सौ से ज्यादा डिमार्केशन होती हैं।

जमीन के बंटवारे और प्लॉट की पैमाइश को लेकर कानूनगो और पटवारी की ओर से तिथि निर्धारित की होती है। बाकायदा सरकार ने सर्किल स्तर पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि तीन दिन पटवारी और कानूनगो पटवार सर्किल में लोगों को सेवाएं देंगे, अन्य तीन दिन फील्ड में काम करेंगे। लेकिन अब पटवारी और कानूनगो सर्किल में ही लोगों को जमीन संबंधित कागजात उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा जिन लोगों ने डिमार्केशन के लिए आवेदन किया है, उन्हें अगली तारीख दी जाएगी। सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि जिन प्लॉट में झाड़ियां और घास उगा हुआ है। अगर उसकी सफाई की जाती है तो ऐसी स्थिति में डिमार्केशन की जा सकती है।

मूसलाधार बारिश के चलते टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (टीसीपी) और स्थानीय निकायों ने भी भवनों के निर्माण पर रोक लगाई है। जमीन की खोदाई करने से साथ लगते भवनों को खतरा हो रहा है। कई मकानों के डंगे गिर रहे हैं, जबकि कई लोगों के घरों के आगे जमीन धंस रही है। मौसम खुलने के बाद ही भवनों का निर्माण किया जा सकेगा।

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