हिमाचल: आइस स्केटिंग में हिमाचल ने जीते चार स्वर्ण, दो-दो रजत और कांस्य पदक
हिमाचल के खिलाड़ियों ने सुविधाओं के अभाव के चलते इस कारनामे को अंजाम दिया। भारत में केवल देहरादून में ही देश का एकमात्र इंडोर आइस स्केटिंग रिंक है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश के युवाओं को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उत्तराखंड के मुख्य खेल सचिव अमित सिन्हा और भारतीय आइस स्केटिंग संघ के अध्यक्ष अमिताभ शर्मा ने खिलाड़ियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। दल के 42 खिलाड़ियों में से 11 ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल तक पहुंचने में सफलता हासिल की। आइस स्केटिंग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रोशन लाल और उपाध्यक्ष प्रदीप सिंह ने खिलाड़ियों को बधाई दी और भविष्य में होने वाले खेलों में हरसंभव योगदान देने का भरोसा दिया। चयनित खिलाड़ी 20 अगस्त से देहरादून में होने वाली एशियन आइस स्केटिंग चैंपियनशिप में भाग लेंगे। शिमला के तारा हॉल स्कूल की छात्राओं ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए प्रतियोगिता में सुर्खियां बटोरीं।
युवा वेट लिफ्टर लक्ष्य अहलूवालिया (21) ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है। थाईलैंड में ओपन कैटेगरी में लक्ष्य ने गोल्ड मेडल जीता है। पांवटा साहिब के रहने वाले लक्ष्य हिमाचल प्रदेश से एकमात्र खिलाड़ी प्रतियोगिता में शामिल रहे। अब तक अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर 17 गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुके लक्ष्य का सपना ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना है। 27 से 28 जून तक थाईलैंड में हुई वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में लक्ष्य ने 116 किलोग्राम वजन श्रेणी में भाग लिया और गोल्ड मेडल हासिल किया है। पिछले लगभग चार साल से लक्ष्य आरवी फिटनेस जिम में रोज तीन से चार घंटे प्रैक्टिस कर रहे हैं।
लक्ष्य के फिटनेस ट्रेनर रोहित वत्स ने कहा कि लक्ष्य के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतने से खुश हैं, लेकिन सरकार अन्य खेलों को ज्यादा तवज्जो दे रही है। वेट लिफ्टिंग में देश व हिमाचल का नाम रोशन करने पर प्रदेश सरकार की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा है। इससे खिलाड़ियों का मनोबल टूटता है। वत्स ने सरकार से सभी खेलों को बराबर महत्व व खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की अपील की।





