लेवल-11 वेतनमान वाले पदों के लिए हिमाचली ही होंगे पात्र, मल्टी टास्क वर्करों को तोहफा

प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। राज्य मंत्रिमंडल ने पे मैट्रिक्स लेवल-11 के पदों को ग्रुप बी से ग्रुपसी में पुनर्वर्गीकृत करने को मंजूरी दे दी।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। राज्य कैबिनेट ने लेवल-11 वेतनमान के पदों को ग्रुप बी से ग्रुप सी में पुनर्वर्गीकृत करने को स्वीकृत प्रदान की। इस निर्णय के तहत अब केवल बोनाफाइड (स्थायी/मूल) हिमाचली ही ग्रुप सी पदों के लिए आवेदन करने के लिए पात्र होंगे। पहले ग्रुप बी श्रेणी के तहत आने वाले इन पदों की भर्ती हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाती थी और देशभर के अभ्यर्थी इन पदों के लिए आवेदन कर सकते थे। अब इनकी भर्ती प्रक्रिया हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग के माध्यम से ग्रुपसी के नियमों के तहत की जाएगी। बैठक में 500 पशु मित्रों की भर्ती को भी मंजूरी दी गई।
राज्य कैबिनेट ने लोक निर्माण विभाग के लगभग 5,000 मल्टी टास्क वर्कर्स (बहुकार्य कर्मचारी) का मासिक मानदेय 5,000 रुपये से बढ़ाकर 5,500 रुपये करने को मंजूरी दी। कैबिनेट ने गैर-सरकारी दुग्ध सहकारी समितियों को दूध आपूर्ति करने वाले किसानों के लिए दूध प्रोत्साहन योजना शुरू करने का निर्णय लिया। इसके तहत दुग्ध उत्पादकों को तीन रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी (उपदान) प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से दी जाएगी।
मंत्रिमंडल ने बैठक में हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) का मुख्यालय शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने को स्वीकृति प्रदान की गई। यह निर्णय कांगड़ा को हिमाचल प्रदेश की पर्यटन राजधानी घोषित किए जाने के मद्देनजर लिया गया है। इस निर्णय से शिमला शहर पर भीड़ का दबाव कम करने में सहायता मिलेगी। बैठक में जिला पुलिस, देहरा की पुलिस लाइनों में विभिन्न श्रेणियों के 101 पदों के सृजन तथा उन्हें भरने की मंज़ूरी दी गई।
राज्य सरकार ने स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए ब्याज सब्सिडी प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की है। इस निर्णय के तहत जनजातीय क्षेत्रों में 100 किलोवाट से 1 मेगावाट की परियोजनाओं पर पांच प्रतिशत ब्याज सब्सिडी, जबकि गैर जनजातीय क्षेत्रों में 250 किलोवाट से 2 मेगावाट की परियोजनाओं पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी मुहैया करवाई जाएगी।
राज्य कैबिनेट ने हिमऊर्जा और चयनित ग्राम पंचायतों के बीच 100 पंचायतों में 500 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को स्वीकृति प्रदान की। प्रत्येक परियोजना से लगभग 25 लाख रुपये मासिक आय होने की उम्मीद है। इस आय का 30 प्रतिशत हिस्सा हिमऊर्जा को, 20 प्रतिशत राज्य सरकार और 40 प्रतिशत संबंधित ग्राम पंचायतों को मिलेगा। अतिरिक्त 10 प्रतिशत आय अनाथों तथा विधवाओं के कल्याण के लिए पंचायतों को प्रदान की जाएगी।
मंत्रिमंडल ने हिमऊर्जा और चयनित ग्राम पंचायतों के बीच 100 पंचायतों में 500 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को स्वीकृति प्रदान की। प्रत्येक परियोजना से लगभग 25 लाख रुपये मासिक आय होने की उम्मीद है। इस आय का 30 प्रतिशत हिस्सा हिमऊर्जा को, 20 प्रतिशत राज्य सरकार और 40 प्रतिशत संबंधित ग्राम पंचायतों को मिलेगा। अतिरिक्त 10 प्रतिशत आय अनाथों तथा विधवाओं के कल्याण के लिए पंचायतों को प्रदान की जाएगी। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी व यादविंद्र गोमा ने दी।