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रेणुका बांध का रास्ता साफ, वन मंत्रालय ने निर्माण को दी हरी झंडी

रेणुका बांध निर्माण की बड़ी बाधा दूर हो गई है। बांध निर्माण को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की अंतिम मंजूरी मिल गई है। वन मंत्रालय की स्वीकृति मिलने से ही बांध निर्माण के राह आसान दिख रही है। अब परियोजना के निर्माण में किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं है। शुक्रवार को यह अनुमति प्रदान की गई है। परियोजना प्रबंधन बीते लंबे समय से ही वन मंत्रालय की स्वीकृति मिलने का इंतजार करते आ रहे थे। लंबी जद्दोजहद के बाद मंजूरी मिलते ही बांध निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई है। अब यह परियोजना निर्माण की ओर आसानी से कदम बढ़ा सकेगी।

वहीं, राजधानी दिल्ली में भाजपा की सरकार का आना भी रेणुका बांध निर्माण के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है। बीते लंबे समय से यह मसौदा केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की फाइलों में दबा हुआ था। वन मंजूरी मिलते ही जहां परियोजना प्रबंधकों ने राहत की सांस ली है वहीं, बांध निर्माण की भी राहे भी आसान हो गई हैं। रेणुकाजी बांध परियोजना के कार्यकारी महाप्रबंधक ईं. संजीव कुमार ने केंद्रीय वन मंत्रालय की ओर से द्वितीय चरण (फैज-टू) की मंजूरी मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि परियोजना निर्माण की सभी बाधाओं को दूर कर लिया गया है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति मिलना परियोजना निर्माण में बड़ी उपलब्धि है। शीघ्र ही यह परियोजना अब निर्माण की ओर आगे कदम बढ़ाएगी। इसको लेकर आगामी प्रक्रियाओं को भी तेजी से निभाया जाएगा।

दिल्ली की 1.50 करोड़ जनता को मिलेगा 23 क्यूमेकस पानी
रेणुका बांध परियोजना के निर्माण से राजधानी दिल्ली के लोगों को 23 क्यूमेकस पीने के पानी की एकमुश्त आपूर्ति होगी। वहीं, हिमाचल प्रदेश को 40 मेगावाट विद्युत उत्पादन का भी सीधा लाभ मिलेगा। परियोजना के निर्माण पर करीब 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह बीते चार दशकों की तुलना में करीब पांच गुना अधिक है। परियोजना निर्माण की अन्य सभी औपचारिकताओं को पहले ही पूरा कर लिया गया है। केवल वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी मिलने का ही इंतजार था।

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