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बादल फटने से आई बाढ़ में अब तक सात की माैत, मनूणी खड्ड में एक और शव मिला

बादल फटने से आई बाढ़ में धर्मशाला और कुल्लू में छह लोग अभी भी लापता हैं। धर्मशाला के खनियारा में मनूणी खड्ड में बहे एक और श्रमिक का शव सुबह बरामद हुआ है।

हिमाचल में बुधवार को पांच जगह बादल फटने से आई बाढ़ में अब तक सात लोगों की जान चली गई है। धर्मशाला और कुल्लू में छह लोग अभी भी लापता हैं। धर्मशाला के खनियारा में मनूणी खड्ड में बहे एक और श्रमिक का शव सुबह बरामद हुआ है। दो अभी भी लापता हैं। गुरुवार को यहां तीन शव बरामद हुए थे।

माैसम के कहर के बीच पहाड़ी में चढ़ गए एक युवक को रेस्क्यू कर लिया गया है। कुल्लू और धर्मशाला में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस की टीमें और स्थानीय लोग लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं। एडीएम कांगड़ा शिल्पी बेक्टा ने कहा कि हमारा लक्ष्य आज लापता श्रमिकों का पता लगाना है। हिमाचल प्रदेश पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की 50 सदस्यीय टीम मौके पर मौजूद है। होमगार्ड की एक टीम भी यहां पहुंच रही है।

उधर, कुल्लू के सैंज में बहे एक ही परिवार के तीन सदस्यों का कोई पता नहीं चला है। तीर्थन नदी में एक और व्यक्ति के बहने की सूचना है। मंडी के धर्मपुर में जालपा मंदिर के पास भी ब्यास नदी से एक व्यक्ति का शव बरामद किया है। उधर, बादल फटने के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन के चलते सैंज में फंसे सैलानी सुरक्षित निकाल लिए गए हैं। खनियारा में बुधवार को बादल फटने से मनूणी खड्ड में आई बाढ़ के बीच सोकणी दा कोट में बने निजी बिजली प्रोजेक्ट में काम कर रहे नौ लोग लापता हो गए थे। उधर, कुल्लू में सैंज के जीवानाला में बादल फटने से नंद लाल (72), उनकी बेटी मूर्ति देवी (15) और बहन (67) यान दासी लापता हैं। 


माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य के कई भागों में लगातार एक सप्ताह तक भारी बारिश जारी रहने का अलर्ट जारी किया गया। 29 जून को कई भागों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। जबकि 27,28 व 30 जून, 1 से 3 जुलाई तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। शिमला में आज हल्की धूप खिलने के साथ बादल छाए हुए हैं। बीती रात को पंडोह में 139.0, जोगिंद्रनगर 73.0, शिलारू 54.0, कटौला 45.2, सुजानपुर टिहरा 42.0, बैजनाथ 32.0, रोहड़ू 30.0, मंडी 29.4, निचार 25.0, बंजार 24.0 व करसोग में 21.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।


वहीं मानसून सीजन में संभावित बाढ़, भूस्खलन की आशंका को देखते हुए मंडी जिला प्रशासन ने अग्रिम एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अपूर्व देवगन ने आदेश जारी करते हुए कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में रह रहे श्रमिकों और प्रवासी मजदूरों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा। उपायुक्त ने निर्देश दिए हैं कि एनएचएआई, मोर्थ, जल विद्युत परियोजनाएं, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, नगर निकाय और पंचायतें अपने-अपने कार्यक्षेत्र में प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और जोखिम भरे क्षेत्रों से उन्हें शीघ्र हटाएं।


डीसी अपूर्व देवगन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी अधिकारी की ओर से इस आदेश की अवहेलना की जाती है, तो उसके विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आम जनता से भी अपील की है कि वे नदियों, नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में अनावश्यक रूप से न जाएं और किसी भी आपात स्थिति में जिला आपदा नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें।

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