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पहाड़ पर बारिश का कहर, हिमाचल में बादल फटे तो उत्तराखंड में भूस्खलन से तबाही,आज इन राज्यों के लिए अलर्ट

हिमाचल के कुल्लू और धर्मशाला जिलों में पांच जगह बादल फटने से आई बाढ़ में दो लोगों की मौत हो गई है और 11 लोग लापता हैं। आठ गाड़ियां, 10 पुलिया बह गई हैं और एक बिजली परियोजना को भी नुकसान पहुंचा है। उत्तराखंड में केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर भारी भूस्खलन हुआ है। चीन सीमा जोड़ने वाली सड़क पर मलबा आने से यातायात ठप हो गया है।

दक्षिण-पश्चिम मानसून पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में कहर बरपा रहा है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में जोरदार बारिश हो रही है। वहीं, दूसरी ओर दिल्ली और उत्तर प्रदेश में लोग अभी भी टकटकी लगाए मानसून की राह ताक रहे हैं। मौसम विभाग भी रोज मानसून के आने की भविष्यवाणी कर रहा है लेकिन बादल हैं कि बिन बरसे ही उड़ जा रहे। अब एक बार फिर मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि आज दिल्ली और पूरे उत्तर प्रदेश में मानसून आ सकता है जिससे बारिश होगी और गर्मी से जूझते लोगों का इंतजार खत्म होगा।  

हिमाचल के कुल्लू और धर्मशाला जिलों में पांच जगह बादल फटने से आई बाढ़ में दो लोगों की मौत हो गई है और 11 लोग लापता हैं। आठ गाड़ियां, 10 पुलिया बह गई हैं और एक बिजली परियोजना को भी नुकसान पहुंचा है। उत्तराखंड में केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर भारी भूस्खलन हुआ है। चीन सीमा जोड़ने वाली सड़क पर मलबा आने से यातायात ठप हो गया है। जम्मू के कटड़ा में माता वैष्णे देवी धाम यात्रा मार्ग पर हिमकोटी में मलबा गिरने से यातायात 10 घंटे बंद रहा।
मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज ने उत्तराखंड के आठ राज्यों में तेज बारिश के साथ ही बाढ़ की चेतावनी जारी की है। कहा गया है कि टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, देहरादून, नैनीताल, चंपावत, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में गुरुवार सुबह पांच बजे तक बाढ़ की आशंका है। जिसके बाद उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने संबंधित जिलों को चेतावनी भेजते हुए सचेत रहने के लिए कहा है। मौसम विज्ञान विभाग की ओर से देहरादून, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर एवं नैनीताल में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में भारी वर्षा के साथ ही तेज दौर की हवाएं चलने के आसार हैं। इसके अलावा उत्तराखंड के अन्य जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। 
राजस्थान में भी मानसून सक्रिय हो गया है। बीते 24 घंटों में राज्य में भारी बारिश हुई है। सबसे अधिक 180 मिमी बारिश बारां जिले के मांगरोल में दर्ज की गई। कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। निचले इलाकों में पानी भर गया है। मौसम विभाग ने 25 से 27 जून के दौरान बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर और उदयपुर में तेज हवाओं के साथ अत्यधिक बारिश की चेतावनी दी है। 27 जून से पूर्वी राजस्थान में भी बारिश में वृद्धि होने की संभावना व्यक्त की है।
दिल्ली-एनसीआर में अभी भी लोगों को मानसूनी बारिश का इंतजार है। रोज आसमान में घनघोर बादल छा रहे हैं, लेकिन बारिश नहीं हो रही। जिससे लोगों को भीषण गर्मी और उसम का सामना करना पड़ रहा है। आईएमडी ने एक दिन पहले ही दिल्ली-एनसीआर में मानसून के पहुंचने की संभावना जताई थी। साथ ही कहा था कि इसके प्रभाव से अगले तीन दिनों के दौरान पूरे क्षेत्र में मूसलाधार बारिश होने की उम्मीद है। इस दौरान तेज हवाएं भी चल सकती है
हिमाचल प्रदेश में बुधवार को गरज के साथ बारिश आंधी तूफान को लेकर मौसम विभाग ने पहले ही ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। आशंका अनुसार जमकर बादल बरसे। कुल्लू जिले में सैंज, गड़सा, मनाली और बंजार के अलग-अलग क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाएं सामने आईं। सैंज के रैला बिहाल में बादल फटने से तीन लोग बह गए हैं। धर्मशाला के खनियारा की मनूणी खड्ड में बादल फटने से आई बाढ़ में निर्माणाधीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के 10 से अधिक मजदूर बह गए हैं। अभी तक दो लोगों के शव बरामद कर लिए हैं। एसडीआरएफ की टीमें मौके पर हैं और बचाव कार्य चल रहा है। सैंज घाटी में अलग-अलग क्षेत्रों में 150 से अधिक वाहनों के साथ 2,000 से अधिक पर्यटक फंस गए हैं। सिउंड के पास मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण उन्हें क्षेत्र से बाहर निकलने का रास्ता नहीं है। लाहौल में भी 25 पर्यटक फंसे हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने हिमाचल के कई स्थानों पर गुरुवार को भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया। 2 जुलाई तक अधिकांश क्षेत्रों के लिए मौसम ऐसा ही बना रहेगा। मौसम विभाग ने पांच जिलों चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर के कुछ क्षेत्रों में वीरवार को बाढ़ आने की चेतावनी जारी की है।  26 और 27 जून को बारिश की तीव्रता अधिक रहने की संभावना है। 28 जून से 2 जुलाई तक हल्की बारिश के आसार हैं। बुधवार को प्रदेश के अधिकतम तापमान में चार से पांच डिग्री की कमी दर्ज हुई।
मौसम विज्ञान विभाग ने आगामी 48 घंटे के दौरान जम्मू संभाग में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मैदानी इलाकों में बाढ़ आने और बादल फटने का खतरा है। बीते 24 घंटे के दौरान जम्मू संभाग के तीन जिलों में भारी बारिश हुई है। इनमें रियासी के कटड़ा में 109 मिलीमीटर, रामबन के बनिहाल और बटोत में 12-12 मिलीमीटर बारिश हुई है। जम्मू में चार और काजीकुंड में तीन एमएम बारिश दर्ज की गई है। कश्मीर में हल्की बारिश हुई है।
मध्यप्रदेश के ऊपर से दो टर्फ गुजर रही है। इसके अलावा साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम भी एक्टिव है। इस वजह से पूरे प्रदेश में बारिश का दौर चल रहा है। मौसम विभाग की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि सिस्टम की वजह से प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट है। अगले चार दिन तक कई संभागों में तेज बारिश हो सकती है।

26 जून: भोपाल, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, विदिशा, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम, दमोह, जबलपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और डिंडौरी में भारी बारिश का अलर्ट है। अन्य जिलों में आंधी-बारिश का दौर जारी रहेगा।

27 जूनः सागर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, विदिशा, सागर, दमोह, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, रीवा, सीधी, सिंगरौली में भारी बारिश हो सकती है। बाकी जिलों में भी बारिश होने की संभावना है।

28 जून: ग्वालियर, शिवपुरी, सीहोर, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, दमोह, छिंदवाड़ा, रीवा और सीधी में भारी बारिश होने की संभावना है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर समेत अन्य जिलों में भी बारिश का दौर बना रहेगा।

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