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ट्रंप बोले- अगले हफ्ते बातचीत कर सकते हैं अमेरिका और ईरान के अधिकारी, भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर कही ये बात

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और ईरान के अधिकारी अगले हफ्ते बातचीत कर सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह नष्ट कर दिया है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट में इन हमलों से मामूली नुकसान बताने पर ट्रंप ने खुफिया एजेंसियों और मीडिया की आलोचना की। ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को बातचीत के जरिए रोका। 

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि अमेरिका और ईरान के अधिकारी अगले हफ्ते बातचीत कर सकते हैं। यह संभावित बातचीत उस संवाद की फिर से शुरुआत हो सकती है जो 13 जून से शुरू हुए 12 दिन के इस्राइल-ईरान संघर्ष के कारण बाधित हो गई थी। यह घोषणा ऐसे समय की गई, जब ईरान और इस्राइल के बीच संघर्षविराम फिलहाल कायम दिख रहा है। हालांकि ट्रंप की ओर से संघर्षविराम के एलान के कुछ घंटे बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमले किए थे। ईरान की ओर से किए गए हमले में इस्राइल के बीयरशेबा शहर में चार लोगों की मौत हो गई थी।
इससे पहले ट्रंप ने कहा कि ईरान पर किए गए अमेरिकी हमलों से उसके परमाणु कार्यक्रम को बड़ा झटका दिया है। वहीं दूसरी ओर, एक प्रारंभिक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इन हमलों से ईरान को केवल मामूली नुकसान हुआ और उसका परमाणु कार्यक्रम कुछ महीनों के लिए ही रुका। ट्रंप ने कहा, यह एक विनाशकारी हमला था, जिसने उन्हें हिला दिया। ट्रंप प्रशासन ने यह साबित करने के लिए अपने शीर्ष अधिकारियों को आगे किया और कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है।
रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने खुफिया रिपोर्ट को ‘प्रारंभिक’ और ‘कम भरोसे वाली’ बताया। वहीं विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रिपोर्ट लीक करने वालों को ‘पीठ में छुरा घोंपने वाले पेशेवर’ कहा। व्हाइट हाउस ने इस्राइली परमाणु ऊर्जा आयोग के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम कई वर्षों पीछे चला गया है।

हमलों का कितना असर हुआ है, इसका स्पष्ट निष्कर्ष निकालना कठिन है। इसी वजह से इसे लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं, जो अमेरिकी मतदाताओं की नजरों में ट्रंप के इस फैसले की अहमियत तय कर सकते हैं। यह भी देखना होगा कि ट्रंप पश्चिम एशिया में क्या कदम उठाते हैं, खासकर यह रोकने के लिए कि ईरान दोबारा अपना परमाणु कार्यक्रम शुरू न करे।
ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। वहीं, इस्राइल इसे अपने अस्तित्व के लिए खतरा माना है। इसलिए अमेरिका और इस्राइल उसे परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने की कोशिश में जुटे हैं। अमेरिकी हमलों का एक मुख्य निशाना फोर्डो था, जहां ईरान की परमाणु सुविधा जमीन के नीचे बनी हुई है। इस्राइली आयोग के मुताबिक, यह सुविधा अब काम करने लायक नहीं बची है। व्हाइट हाउस और इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी और इस्राइली हमलों ने मिलकर ईरान की परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को कई वर्षों तक पीछे धकेल दिया है।
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माइल बाघेई ने अल जजीरा से कहा, हमारी परमाणु सुविधाओं को गंभीर नुकसान पहुंचा है, यह पक्का है। इस घटना के बाद ट्रंप ने खुफिया अधिकारियों और मीडिया पर अपना पुराना गुस्सा फिर जाहिर किया। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स को ‘घटिया’ और ‘घिनौना’ बताया। ट्रंप ने कहा कि हमलों के असर पर सवाल उठाना उन पायलटों का अपमान है, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर स्टील्थ बमबर्षक उड़ाए और जमीन के नीचे बने ठिकानों को निशाना बनाया। उन्होंने कहा, यह रिपोर्ट्स हमारे पायलटों के लिए बहुत अन्यायपूर्ण हैं, जिन्होंने हमारे देश के लिए जोखिम उठाया। 
एक बड़ा सवाल यह भी है कि क्या हमलों से पहले ईरान ने संवर्धित यूरेनियम को बाहर निकाल लिया था, जिससे परमाणु हथियार बन सकता है। इस पर ट्रंप ने कहा, मुझे लगता है कि उन्हें कुछ भी निकालने का मौका नहीं मिला, क्योंकि हमने तेज कार्रवाई की। वैसे भी, इस तरह की सामग्री को ले जाना बहुत मुश्किल और खतरनाक होता है। अमेरिकी सांसदों को इस मुद्दे पर गोपनीय जानकारी देने के लिए जो ब्रीफिंग मंगलवार को होनी थी, अब वह गुरुवार और शुक्रवार को होगी।
नीदरलैंड के हेग में ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने फोन कॉल के जरिए भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध की आशंका को रोक दिया। ट्रंप ने कहा, सबसे खास बात, भारत और पाकिस्तान… मैंने इसे कुछ व्यापारिक फोन कॉल से खत्म किया। मैंने कहा कि अगर आप एक-दूसरे से लड़ाई करने जा रहे हैं, तो हम कोई व्यापार समझौता नहीं करेंगे। पाकिस्तान से एक जनरल (असीम मुनीर) पिछले हफ्ते मेरे दफ्तर में था। प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं। वह बहुत ही सज्जन और महान व्यक्ति हैं। 

उन्होंने आगे कहा, मैंने उन्हें समझाया और कहा कि अगर आप लड़ने जा रहे हैं तो कोई व्यापार सौदा नहीं होगा। उन्होंने कहा, नहीं, हम व्यापार समझौता करना चाहते हैं। हमने परमाणु युद्ध रोक दिया। ट्रंप ने दावा किया कि हाल के हफ्तों में उन्होंने भारत-पाकिस्तान, कोसोवो-सर्बिया, कांगो-रवांडा जैसे कई संघर्षों को सुलझाया। उन्होंने कहा, पिछले कुछ हफ्तों में हमने भारत और पाकिस्तान, कोसोवो और सर्बिया की स्थिति संभाली। कांगो और रवांडा के बीच एक बेहद हिंसक संघर्ष था। इसके अलावा हमने दो और मामलों को निपटाया। किसी ने भी आज तक ऐसा कुछ नहीं किया है। 

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