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जिले में सोलन समेत तीन अस्पतालों में बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट


सोलन। जिले में कोरोना ने दस्तक दे दी है। नालागढ़ में एक महिला कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाई गई है, लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग सतर्क नहीं हुआ है। यही कारण है कि जिले में क्षेत्रीय अस्पताल सोलन समेत परवाणू व नालागढ़ में लगाए ऑक्सीजन प्लांट ठप पड़े हैं। ये प्लांट केवल शोपीस साबित हो रहे हैं। केवल सीएचसी अर्की में ही ऑक्सीजन प्लांट का लाभ मरीजों को मिल पा रहा है। यदि कोरोना के मामलों में वृद्धि होती है, तो स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां इस बीमारी से निपटने के लिए अभी न के बराबर हैं। केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपये से क्षेत्रीय अस्पताल सोलन, ईएसआई अस्पताल परवाणू, नागरिक अस्पताल नालागढ़ व अर्की अस्पताल में एक हजार एलपीएम के ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए थे। वर्ष 2021 में इन सभी प्लांट को अस्पतालों में स्थापित कर दिया गया था। शुरुआत में भी कई माह तक क्षेत्रीय अस्पताल सोलन का प्लांट बंद रहा था। उसके बाद यहां पर दो कर्मचारी तैनात किए, लेकिन अब इन कर्मचारियों का सेवाकाल समाप्त हो गया है, जिसके बाद सरकार ने तकनीकी कर्मचारियों की तैनाती नहीं की और अब यह प्लांट बंद पड़े हैं। अभी वार्डों में ऑक्सीजन की सप्लाई सिलिंडरों से की जा रही है। वार्डों तक सिलिंडर पहुंचाने के लिए अस्पताल कर्मियों को पीठ पर उठाकर ले जाने पड़ते हैं। प्लांट लगने से ऑक्सीजन सिलिंडर की खपत लगभग समाप्त हो गई थी।
इन प्लांट को चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास कोई भी कर्मचारी नहीं है। यदि आने वाले दिनों में कोरोना के मामले बढ़ जाते हैं तो स्वास्थ्य विभाग को बाहर से ऑक्सीजन सिलिंडर भरवाने पड़ सकते हैं। मौजूदा समय में बद्दी से ऑक्सीजन सिलिंडर भरवाए जा रहे हैं जिसमें रोजाना तीन से चार हजार रुपये तक खर्च आता है।

इनसेट
ऑक्सीजन प्लांट में तकनीकी कर्मचारियों की तैनाती के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा गया है। जल्द ही बंद पड़े सभी प्लांट शुरू कर दिए जाएंगे। वहीं कोरोना को लेकर विभाग अलर्ट है। अस्पतालों को आवश्यक दवाएं पहुंचा दी गई हैं। बेड की व्यवस्था भी कर दी गई है।

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