चक्कीमोड़-भोजनगर सड़क धंसी, राज्य में 173 जल आपूर्ति योजनाएं ठप,

प्रदेश में गुरुवार सुबह 10:00 बजे तक एक एनएच सहित 312 सड़कें, 65 बिजली ट्रांसफार्मर और 221 पेयजल योजनाएं प्रभावित रहीं।
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से कई सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए ठप हैं। सोलन जिले में चक्कीमोड़-भोजनगर सड़क तडोल के पास पूरी तरह से धंस गई। इससे लोगों को आवाजाही के लिए 30 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है। ये सड़क सिरमौर की सीमा के साथ लगती है। इसी के साथ 12 पंचायतों के लोग परवाणू जाने के लिए भी लोग इसी सड़क का इस्तेमाल करते हैं।
प्रदेश में गुरुवार शाम तक एक एनएच सहित 274 सड़कें, 56 बिजली ट्रांसफार्मर और 173 पेयजल योजनाएं प्रभावित रहीं। बीती रात नगरोटा सूरियां में 55.0, नयना देवी 32.8, गुलेर 28.6, नाहन 28.1, मुरारी देवी 22.2, घमरूर 18.6, कसौली 18.0, भटियात 14.0, चंबा 12.0, जोत 11.2, रोहड़ू और सुजानपुर टिहरा में 10.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
26, 29 और 30 जुलाई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। 27 और 28 जुलाई को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। 24 और 25 जुलाई को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होगी। 26 से 30 जुलाई तक कुछ स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं अगले दो दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है। इसके बाद अगले 3-4 दिनों के दौरान तापमान में 3-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी।
प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 24 जुलाई तक 147 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 229 लोग घायल हुए हैं। 34 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 68 लोगों की सड़क हादसों में माैत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 1,553 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 1,099 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,333 पालतु पशुओं की माैत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 1382 करोड़ रुपये पहुंच गया है।
मंडी-कुल्लू के बीच डयोड में फोरलेन करीब आधा मीटर तक धंस गया है। इससे फिर एक बार फोरलेन खतरे की जद में आ गया है। क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण फोरलेन फिर से धंसने लगा है। जहां फोरलेन धंसा है, वह क्षेत्र 2023 की भीषण बरसात के दौरान भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ था। सड़क किनारे लगा डंगा अब कभी भी गिर सकता है। इससे न केवल मार्ग के पूरी तरह ध्वस्त होने का खतरा पैदा हो गया है, बल्कि यहां से गुजरने वाले हजारों वाहनों और यात्रियों की जान भी जोखिम में पड़ गई है। एनएचएआई मंडी ईकाई के परियोजना निदेशक वरूण चारी ने कहा कि मामला ध्यान में है और आवश्यक कार्रवाई अमल पर लाई जा रही है। डयोड के पास फोरलेन सेटलमेंट हुई है। फिलहाल यह ऊपरी सेटलमेंट ही लग रही है। निरीक्षण कर जायजा लिया जाएगा।
पंडोह डैम के साथ लगते बाखली गांव में कुकलाह खड्ड पर बना वर्षों पुराना लकड़ी का पुल बीते 30 जून की रात को भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है। यह फुट ब्रिज था और इससे आगे मेन पुल था जिससे गाड़ियां जाती थीं। लेकिन यह पुल भी पूरी तरह से बह गया है। 15 से अधिक पंचायतों को आपस में जोड़ने वाले इन दोनों पुलों के टूटने से अब लोगों का आना-जाना नहीं हो पा रहा है। ठीक सामने दिखने वाले गांव तक जाने के लिए रोपवे के माध्यम से 7 से 8 किमी का सफर तय करना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत सरोआ के उप प्रधान देवेंद्र राणा ने कहा कि सरकार और प्रशासन से बार-बार यही मांग उठाई जा रही है कि क्षतिग्रस्त पुल के स्थान पर जल्द से जल्द नया पुल बनाया जाए ताकि आमने-सामने के लोगों का संपर्क बना रहे। स्थानीय निवासी कृष्ण ठाकुर, ढमेश्वर दास और पूर्ण चंद ने बताया कि वे जान जोखिम में डालकर टूटे पुल के सहारे खड्ड को पार कर रहे हैं, क्योंकि यह उनकी मजबूरी है। वहीं बीबीएमबी के अधिशाषी अभियंता चंद्रमणी शर्मा ने बताया कि पुल की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग के मेकेनिकल विंग से एस्टीमेट मांगा गया है। स्वीकृति मिलने के आधार पर ही आगामी कार्य किया जाएगा।