कुल्लू; किशोरों ने जानीं मानसिक स्वास्थ्य की बारीकियां

स्वास्थ्य खंड जरी के न्यूल में आयोजित किया कार्यक्रम
भुंतर (कुल्लू)। दस से 19 वर्ष की उम्र किशोर अवस्था कहलाती है। इस अवस्था में शरीर में कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव आते हैं। किशोरों को व्यक्तिगत स्वच्छता और पोषण का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यह जानकारी स्वास्थ्य खंड जरी के स्वास्थ्य शिक्षक राज कुमार ने दी। यह बात उन्होंने कुल्लू और मंडी की सीमा पर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय न्यूल में आयोजित राष्ट्रीय किशोर दिवस के कार्यक्रम में कही।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के सभी किशोर-किशोरियों को शामिल किया और कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, चोट एवं हिसा, प्रजनन स्वास्थ्य, नशा, रक्त अल्पता और गैर संचारी रोगों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। स्वास्थ्य शिक्षक राज कुमार ने कहा कि इस अवस्था के किशोरों को व्यायाम और खेलकूद में भाग लेना चाहिए और नशीले पदार्थों से दूर रहते हुए अच्छे चरित्र का निर्माण करना चाहिए।
कहा कि राष्ट्रीय किशाेर स्वास्थ्य कार्यक्रम 7 जनवरी 2014 को आरंभ किया गया था। इसका उद्देश्य किशोराें को उनके स्वास्थ्य और सेहत के प्रति जागरूक करना है। कहा कि स्वास्थ्य खंड जरी की खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. सपना शर्मा के निर्देश पर यह कार्यक्रम न्यूल विद्यालय में आयोजित किया। इस दौरान किशोरों के मध्य भाषण प्रतियोगिता भी करवाई गई। प्रतियोगिता में तुषार भारती प्रथम, श्रेया द्वितीय और पायल तृतीय स्थान पर रही।