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कुल्लू और धर्मशाला में दो की मौत और 11 लापता; 2000 सैलानी फंसे।

हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच बुधवार को मौसम ने कहर मचाया। कुल्लू जिले में चार जगह सैंज के जीवानाला, गड़सा के शिलागढ़, मनाली के स्नो गैलरी और बंजार के होरनगाड़ और धर्मशाला के खनियारा की मनूणी खड्ड में बादल फटने से आई बाढ़ ने भारी तबाही मची। कुल्लू में आठ गाड़ियां, 10 पुलिया और एक बिजली प्रोजेक्ट बह गया। सैंज के रैला बिहाल में बादल फटने से तीन लोग बह गए हैं।उधर, धर्मशाला के समीप खनियारा में मनूणी खड्ड में आई बाढ़ में निर्माणाधीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के 10 से अधिक मजदूरों की बहने की सूचना है।

अभी तक दो लोगों के शव बरामद कर लिए हैं। एसडीआरएफ की टीमें मौके पर हैं और रेस्क्यू ऑपेरशन जारी है। सैंज घाटी के शैंशर, शांघड़ और सुचैहन पंचायत क्षेत्रों में 150 से अधिक पर्यटक वाहनों के साथ 2,000 से अधिक पर्यटक फंस गए हैं। सिउंड के पास मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण उन्हें क्षेत्र से बाहर निकलने का रास्ता नहीं है। लाहौल में भी 25 पर्यटक फंसे हैं।प्रदेश में भारी बारिश से कुल्लू, मंडी और कांगड़ा में जनजीवन अस्त व्यस्त है। प्रदेश में औट-बजार-सैंज एनएच-305 समेत 171 सड़कें और 550 बिजली ट्रांसफार्मर ठप चल रहे हैं।

बुधवार को गगल हवाई अड्डा पर चार विमान उतरे, लेकिन दिल्ली और शिमला के लिए दो उड़ानें रद्द हो गईं। शिमला और कुल्लू से कोई उड़ान नहीं हुई।होरनगाड़ में बादल फटने से आई बाढ़ से बंजार-बठाहर सड़क पर बना एक छोटा पुल और एक वाहन बह गया। सरकारी प्राथमिक विद्यालय में भी मलबा घुस गया है। स्थानीय लोगों ने स्कूल के विद्यार्थियों को रेस्क्यू किया। गड़सा घाटी में हुरला नाला, पंचा नाला और मनिहार नाला में पैदल पुल के साथ दस से अधिक पुलियां बह गई हैं। मणिकर्ण के ब्रह्मगंगा नाला, ग्ररहण, कुथी काकड़ी नाला और जिभी में कोटलाधार के पास भी बाढ़ आ गई।

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